भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ – Five Year Plans of India

By | May 1, 2021
भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ - Five Year Plans of India

आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने समाजवादी आर्थिक मॉडल को आगे बढ़ाया| जवाहरलाल नेहरू ने अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जिनमें पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भी थी|

तो आइये जानते हैं भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ – Five-Year Plans of India

प्रथम पंचवर्षीय योजना – First Five Year Plan (1951-1956)


इस योजना की शुरूआत 1 अप्रैल 1951 को हुई थी| इस योजना में कृषि के क्षेेत्र को उच्‍चतम प्राथमिकता प्रदान की गई थी और साथ ही सिंचाई,बिजली और कृषि संबंधी परियोजनाओं को सर्वोच्‍च प्रा‍थमिकता दी गई|

इस योजना में इन सभी को पूरा करने के‍ लिए कुल सार्वजनिक खर्च का 44.6% हिस्‍सा निर्धारित किया गया था| इसमें कृषि क्षेत्र ने 2.71% का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया था| इस योजना में 160 लाख एकड भूमि को सिचाई सुविधाऍ उपलब्‍ध करायी गईं |इसमें 380 मील लम्‍बी नयी रेलवे लाइन का विकास किया गया यह योजना हैरॉड-डोमर मॉडल पर आधारित थी|

दूसरी पंचवर्षीय योजना – Second Five Year Plan (1956-1961)


यह योजना 1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 तक चली थी| यह योजना महालनोविस मॉडल पर आधारित थी| इस योजना में कृषि के अलावा अन्‍य क्षेत्रों को महत्‍व दिया गया| इसमें रसायन उर्वरकों को कृषि के साथ जोडकर देखा गया था|

तीसरी पंचवर्षीय योजना – Third Five Year Plan (1961-1966)


यह योजना 1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 तक चली थी| इस योजना में प्रत्‍येक राज्‍य में एक जिले के हिसाब से 15 ऐसे जिले चुने गये जो नए कृषि कार्यक्रम के लिए प्राकृतिक दृष्टि से अनुकूल हों|

इस कार्यक्रम के तहत गहन कृषि जिला कार्यक्रम को देश के कुछ गिने चुने जिलों में लागू किया गया| इस कार्यक्रम ने ही हरित क्रान्ति की पूर्व-पीठिका को निर्मित किया गया भारत के लिए यह योजना सभी क्षेत्राेें में असफल रही थी|

चौथी पंचवर्षीय योजना – Fourth Five Year Plan (1969-1974)


इस योजना की शुरूआत 1 अप्रैल 1969 को शुरू हुई और 31 मार्च 1974 को समाप्‍त हुई थी| यह योजना एलनमाब्रे एवं अशोक रूद्र मॉडल पर आधारित थी|

इस योजना का मूल उद्देश्‍य स्थिरता के साथ आर्थिक विकास और आत्‍मनिर्भरता की अधिकाधिक प्राप्ति था| इस योजना में फिर से कृषि एवं सिचाई को प्राथमिकता दी गई| कृषि उत्‍पादन के साथ-साथ बफर स्‍टॉक का निर्माण किया गया ताकि कृषि पदार्थों की निरन्‍तर पूर्ति हो सके तथा मूल्‍यों को भी स्थिर रखा जा सके|

पॉचवी पंचवर्षीय योजना – Fifth Five Year Plan (1974-1978)


यह योजना 1 अप्रैल 1974 से 31 मार्च 1975 तक चली| इसका मुख्‍य उद्देश्‍य गरीबी का उन्‍मूलन और आत्‍मनिर्भर था| इस योजना में कृषि पर करीब 2130 करोड खर्च किए ग |

इसमें सूूूूक्ष्‍म सिंचाई परियोजनाऐं, ड्रॉट प्रोन एरिया प्रोग्राम, उच्‍च उत्‍पादन वाले बीजों की प्रजातियों आदि का निवेश किया गया| इस योजना में सिचाई परियोजनाओं के विस्‍तार के लिए कमाण्‍ड एरिया डेवलपमेण्‍ट प्रोग्राम चालू किया गया था|

इस योजना मेें कृषिगत कार्यों के विकास के लिए अनेक वित्‍तीय प्रावधान किए गए| इसमेें करीव 13 हैक्‍टेयर कृषि भूमि को सिचाई के अन्‍तर्गत लाया गया| इसमें ओखिया बैराज, गोदावरी बैराज, तजेवाला बैराज, के माध्‍यम से सिंचाई  परियोजनाओं का विस्‍तार किया गया|

छठी पंचवर्षीय योजना – Sixth Five Year Plan (1980-1985)


इस योजना की शुरूआत 1 अप्रैल 1980 को हुई और 31 मार्च 1985 तक चली इस योजना में कृषि उद्योग, ऊर्जा आदि को विशेष महत्‍व दिया गया| इस योजना में देश के कई भागों मेें केन्‍द्र निर्देशित ड्राइलैण्‍ड एग्रीकल्‍चर डेवलपमेण्‍ट प्रोग्राम को लागू किया गया था ताकि सूखाग्रस्‍त क्षेत्राेें में कमी की जा सके|

इस योजना में कम वर्षा में उगने वाली कृषि प्रजातियों को प्रयोग किया गया| इस योजना मेें करीब 60000 टन कीटनाशक का प्रयोग किया गया| अनेक राज्‍यों ने किसानों को नुकसान से बचाने के लिए फसल बीमा योजना की शुरूआत की गई|

सातवीं पंचवर्षीय योजना – Seventh Five Year Plan (1985-1990)


यह योजना 1 अप्रैल 1985 से शुरू होकर 31 मार्च 1990 तक चली इस योजना का मुख्‍य लक्ष्‍य कृषि उत्‍पादन, विशेषता खाद्घान्‍नों के उत्‍पादन में पर्याप्‍त वृद्धि था|

इस योजना में पूर्वी राज्‍यों के लिए स्‍पेशल राइस प्राेडक्‍शन प्रोग्राम की शुरूआत की गई| इस योजना मेें खाद्य तेलों के उत्‍पादन को बढावा देने के लिए नेशनल ऑयलसीड डेवलपमेण्‍ट प्रोजेक्‍ट की शुरूआत की गई और जल संरक्षण को बढावा देने एवं भूमि की नमी को संरक्षित करने के लिए और सूखाग्रस्‍त क्षेत्राेें में कृषि उत्‍पादन को बढावा देने के लिए नेशनल वाटरशेड डेवलपमेण्‍ट प्रोग्राम फॉर रेनफेेेड एग्रीकल्‍चर की शुरूआत की गई |

छोटे स्‍तर के किसानों की आर्थिक सहायता एवं उन्‍हें जोखिम से बचाने के लिए स्‍कीम फॉर असिस्‍टेण्‍ट टू स्‍मॉल एण्‍ड मार्जिनल फार्मर्स फॉर इन्‍क्रीजिंग एग्रीकल्‍चरल प्रोडक्‍शन की शुरूआत की गई|

आठवीं पंचवर्षीय योजना – Eighth Five Year Plan (1992-1997)


इस योजना की शुरूआत 1 अप्रैल 1990 से हुई थी लेकिन कुछ करणों से यह 23 मई 1992 को अन्तिम रूप से स्‍वीकृत हुई| इस योजना में चाय के उत्‍पादन मं करीब 786 मिलियन किग्रा की बृद्धि अंकित हुई थी| इस योजना में सिचाई परियोजनाओं के अन्‍तर्गत नेशनल वाटरशेड डेवलपमेण्‍ट प्रोजक्‍ट फॉर रेनफेड एरिया की शुरूआत की गई ताकि फसलों के उत्‍पादन में बृद्धि की जा सके|

नौवीं पंचवर्षीय योजना – Ninth Five Year Plan  (1997-2002)


यह योजना 1 अप्रैल 1997 से शुरू हुई थी इस योजना का मूल उद्देश्‍य कृषि और ग्राम विकास को प्राथमिकता देना रहा था ताकि पर्याप्‍त उत्‍पादक रोजगार कायम हो सके|

इस योजना में फसल क्षेत्र को 1905 लाख हेक्‍टेयर से बढाकर 2030 लाख हेक्‍टेयर करना था| इसमें फसल तीव्रता को 134% से बढाकर 140% करना था| इसमें कहा गया कि पशुपालन, दुग्‍धपालन, और मत्‍स्‍य पालन द्वारा कृषि उत्‍पादन में 4.5% की वार्षिक वृद्धि दर प्राप्‍त की जा सकती है|

दसवीं पंचवर्षीय योजना – Tenth Five Year Plan (2002-2007)


इस योजना की शुरूआत 2002 से हुई और यह 2007 तक चली इस योजना की विशेषता इसकी 7.74% औसत सालाना वृद्धि हो गई थी| इस योजना मेंं कृ‍षि को केन्‍द्रीय महत्‍व दिया गया|

इस योजना में किए गये मुुख्‍य सुधार वाणिज्य और व्यापार में अन्तर्राष्ट्रीय बाधाओं को दूर करना, आवश्यक उपभोक्ता वस्तु अधिनियम में संशोधन, कृषि उत्पादन विपणन कानून में संशोधन, कृषि व्यापार, कृषि उद्योग और निर्यात का उदासीकरण, ठेेेेके पर खेती को प्रोत्‍साहित करना, कृषि भूमि को पट्टे पर देने की अनुमति देना, खाद्य क्षेत्र से सम्‍बधित विभिन्‍न कानूनों को एक व्‍यापक खाद्य कानून में बदलना, सभी वस्‍तुओं मं वायदा व्‍यापार की अनुमति देना तथा शेयरों के कारोबार और उसे खरीदने में आर्थिक मदद पर प्रतिबन्‍धों को हटाना आदि|

ग्‍यारहवीं पंचवर्षीय योजना – Eleventh Five Year Plan (2007-2012)


यह योजना 2007 से शुरू होकर 2012 तक चली थी इस योजना मेें सुधार के बहु-उपयोगी तरीके अपनाने पर जोर दिया गया| इस योजना में शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य पर जनता की पहुॅच पर विशेष वल दिया गया|

इसमें कृषि प्रोद्योगिकी प्रबन्‍‍‍ध एजेन्सियों की स्‍थापना पर भी बल दिया गया| इसी कारण करीब 29 राज्‍यों और 2 केन्‍द्रशासित प्रदेशों में 588 कृषि प्रोद्योगिकी संस्‍थानों की स्‍थापना की गई|

इसी योजना में 25000 करोड की लागत से राष्‍ट्रीय कृृषि विकास योजना की शुरूआत की गई| इस योजना के तहत राज्यों को कृषि तथा सम्बन्ध क्षेत्रों के लिए अधिक धनराशि मुहैया कराने में सफलता मिली|

इस योजना में कृषि तथा सहकारिता विभाग के माध्यम से अतिरिक्त भण्डारण क्षमता बढाने का प्रयास भी किया गया ताकि खाद्यान को नष्ट होने से रोका जा सके|इस योजना के अन्‍तर्गत कटाई के बाद फसलों के संरक्षण एवं खराब होने से बचाने के लिए अनेक अनुसंधानपरक कार्य किए गए|

बारहवीं पंचवर्षीय योजना – Twelth Five Year Plan (2012-2017)


इस योजना की शुरूआत 2012 से लेकर 2017 तक की गई| इस योजना में नेशनल रूरल लिवलीहुड मिशन और मनरेगा के माध्‍यम से भी कृषि विकास के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने की बात हुई|

इस योजना में सेवाओं को सस्‍ते और आसान तरीकों से किसानों तक पहुॅचाना एवं उनके माध्‍यम से कृषिगत उत्‍पादों की गुणवत्‍ता सुधारने का लक्ष्‍य निर्धारित करना था| इस योजना में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत ग्रामीण सडकों की स्थिति सुधारकर उनके सम्पर्क साधन को मजबूत करने हुए उन्हें कृषि विकास से जोडना|

नोट – वर्ष 1962 में चीनी आक्रमण वर्ष 1965 में भारत पाकिस्‍तान युद्ध तथा 1965-1966 में अकाल पडने केे कारण राज्‍य सरकारों और केन्‍द्र सरकारों बीच सहयोगात्‍मक रूख का अभाव होने के कारण तीन वार्षिक योजनाऐं और चलाई गयीं|

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