भारत मे छठी सदी के पूर्व से ही मुद्रा का चलन आरम्भ हो गया था। पुरातत्व विभाग के उत्खनन से चन्द्रगुप्त मौर्य, सातवाहन, समुद्रगुप्त, आदि के शासन काल के कई सदी पुराने सिक्के हमें मिले हैं। अपने अस्तित्व के समय में सृष्टि के विकास के साथ अनेक उतार चढ़ाव देखने के बाद, मुग़ल काल मे एक सही और सार्थक मुद्रा व्यवस्था का अविष्कार हुआ।
पण, कौड़ी यह सभी विभिन्न नामों से अलंकृत होता हुआ, संस्कृत शब्द से निकले रुपया पर आकर यह स्थायी नाम ग्रहण कर लिया। ग्रामीण इलाकों मे आज भी लोग इसे रूपा ही कहते हैं।
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा है। इसका बाज़ार नियामक और जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है। नये प्रतीक चिह्न के आने से पहले रुपये को हिन्दी में दर्शाने के लिए ‘रु’ और अंग्रेज़ी में Rs. का प्रयोग किया जाता था।
आम आदमी के लिए मुद्रा का सामान्य अर्थ केवल करेंसी और सिक्के है । इसका यह कारण है कि भारत में, भुगतान प्रणाली जिसमें क्रेडिट कार्ड और स्वचालित (इलेक्ट्रानिक) नकदी शामिल है|
- सबसे पहले भारत में सिक्कों का प्रचलन शेरशाह सूरी (Sher Shah Suri) ने किया था शेरशाह सूरी ने सबसे पहले चॉदी के सिक्के चलवाये थे
- भारतीय रिजर्व बैंक ने सन् 1938 से नोटों का उत्पादन शुरु किया
- भारतीय नोट पर छपने वाली महात्मा गांधी की फोटो उस समय की है जब गांधीजी, तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस (Frederick Pethick-Lawrence) के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस (Viceroy’s House) में मुलाकात करने गए थे
- महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की फोटो नोटों पर 1996 में नोटों पर छपनी शुरू हुई थी इससे पहले अशोक स्तभ का चित्र छापा जाता था
- नोट पर कुल 17 भाषाएँ लिखी होती हैं
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जनवरी 1938 में पहली बार 5₹ की पेपर करंसी छापी थी जिस पर किंग जार्ज-6 का चित्र था
- भारत में 500 रूपये का पहला नोट 1987 में और 1,000 रूपये का पहला नोट सन् 2000 में छापा गया था
- 1 रूपये का नोट भारत सरकार और इसके अधिक के नोट RBI द्वारा जारी किये जाते हैं
- भारतीय मुद्रा के लिए ₹ के इस चिन्ह को 2010 में उदय कुमार (Udaya Kumar “designer”) ने बनाया था
- अगर आपके पास फटे हुए नोट का 51 % हिस्सा है तो बैंक में जाकर इस नोट को नये नोट के साथ बदल सकते हैं
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1938 में 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट छापे गए थे
- भारत की आज़ादी के बाद सिक्के तांबे के बनते थे उसके बाद 1964 में एल्युमिनियम के और 1988 में स्टेनलेस स्टील के बनने शुरू हुए
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