भारत में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रयाेग होने वाला शब्द है केवाईसी (KYC) आईये जानते हैं क्या है केवाईसी (KYC) और क्यों महत्वपूर्ण है –
केवाईसी की फुलफार्म है नो योर कस्टमर (know your customer) यानि अपने ग्राहक को पहचानो, भारत सरकार द्वारा बैंकों को निर्देशित किया गया हैै कि केवाईसी केे माध्यम सेे अपने सभी ग्राहकों की असली पहचान अपने पास रखे, केवाईसी गाईडलाइन का मतलब जानबूझ कर या अनजाने में की जाने वाली आपराधिक गतिविधियों और मनी लांडरिंग पर अंकुश लगाना है।
क्यों महत्वपूर्ण है केवाईसी
इस विधि के द्वारा व्यक्ति के आवेदन और उसकी पहचान को सुनिश्चित करते हैं और इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं कि जो भी दस्तावेज दिए गए हैं, वे वास्तविक हैं। ऐसे कर्इ प्रकरण हुए हैं, जिसमें धोखाघड़ी और और जालसाजी कर अकाअंट से पैसे निकाल लिए गए। यदि आवेदक की पहचान सुनिश्चित हो जाती हैं, तो जालसाजी की संभावना कम हो जाती है और इसे रोका जा सकता है।
कुल छ प्रकार के दस्तावेज केवाईसी के लिये मान्य किये गये हैं जिसमें हैं-
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- मतदाता पहचान पत्र
- पेनकार्ड
- एनआरजीए कार्ड
- आधार कार्ड
पते के संबंध में प्रमाण –
- उपभोक्ता बिल जैसे
- टेलिफोन,
- बिजली या गैस का रि- फिलिंग बिल,
- पासपोर्ट,
- बैंक अकाउंट स्टेटमेंट,
- राशन कार्ड,
- नियोक्ता द्वारा जारी नियुक्ति पत्र,
- व्यावसायिक बैंकों के बैंक मैनेजर द्वारा भेजा गया पत्र।
इसके अलावा आप ई-केवाईसी भी दे सकते हैं ई-केवाईसी का अर्थ है इलेक्ट्रोनिक केवाईसी यह सुविधा केवल आधार कार्ड धारकों के लिये ही उपलब्ध है भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आधार कार्ड को पहचान और पते, दोनों का प्रमाण माना जाता है।
कहां होती है केवाईसी की जरूरत
- बैंक में अकाउंट खोलने,
- म्युचुअल फंड अकाउंट,
- बैंक लॉकर्स
- ऑन लाइन म्युचुअल फंड खरीदने
- सोने में निवेश
अगर आप इस क्या है केवाईसी के बारे मे और कोई जानकारी चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स मे कमेंट कर सकते है। और आप अपने विचार का सुझाव भी कमेंट बॉक्स मे दे सकते है। कृपया इस पोस्ट को शेयर करे, ताकि यह सभी जनरल नॉलेज नोट्स(General knowledge notes) पढ़ सके।