जीएसटी का अर्थ गुड्स एंड सर्विस टैक्स है| भारत में जीएसटी लागू करने का सुझाव विजय केलकर समिति ने दिया था। सर्वप्रथम जीएसटी बिल तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष असीम दास गुप्ता थे। जीएसटी के लिए 122वाँ संविधान संशोधन बिल 2014 में संसद में प्रस्तुत किया गया था।
जीएसटी (GST) एक ऐसा सेवाकर है जो कि पिछले दिनों काफी चर्चा मेें रहा जीएसटी (GST) का पहली बार नाम जो सुनाई में आया वो वर्ष 2015 – 16 में आया विश्व के लगभग 165 देशों में पहले से ही जीएसटी लागू हो चुका है तो आइये जानते है जीएसटी (GST) बिल के बारें में
- जब हम एक बस्तु को अगल-अलग राज्यों से खरीदते है तो हमें अलग – अलग टैक्स देना पडता है जीएसटी (GST) बिल के द्वारा यह टैक्स हमें अलग – अलग नहीं देना पडेगा
- जीएसटी (GST) एक अत्यक्षकर का रूप है जो केन्द्र और राज्य सरकार दोनो द्वारा लागू किया जायेगा
- जीएसटी (GST) के लागू होने के बाद सम्पूर्ण भारत में एक ही प्रकार का टैक्स लगेगा जिससे वस्तुऔ तथा सेवाओं के मूल्य में स्थिरता रहेगी
- जीएसटी बिल लागू होने से सर्विस टैक्स, सेण्ट्रल सेल्स टैक्स, स्टेट सेल्स टैक्स और वैट जैसे सभी टैक्स समाप्त हो जायेगें
- जीएसटी (GST) बिल तीन प्रकार के होंगे केन्द्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी तथा इंटीग्रेटेड जीएसटी केन्द्रीय जब कि इंटीग्रेेेटेेेड केन्द्रीय जीएसटी को केेन्द्र लागू करेगा
- इसके वाबजूद केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि जीएसटी बिल द्वारा जो भी पॉच साल तक नुकसान होगा उसकी भरपाई केन्द्र सरकार करेगी
- कुछ ऐसी भी बस्तुए है जिन्हे जीएसटी (GST) बिल से बाहर रखा गया है जैसे कि शराब इस पर राज्य सरकार खुद टैक्स तय करेगी
- इसके अलावा पेट्रोल , डीजल, एलपीजी, रसोई गैस आदि जैसे वस्तुओंं को भी जीएसटी बिल से बाहर रखा गया है इन पर केन्द सरकार तथा राज्य सरकार मिल कर टैक्स लगायेंगी
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