कंप्यूटर(Computer) में अविष्कार जब से हुआ है उसके आकार और कार्य क्षमता मेें बदलवा होते हैं रहें, कंप्यूटर को आकार के आधार पर चार श्रेणीयों में बांटा गया है सुपर कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर मिनी कंप्यूटर, एव माइक्रो कंप्यूटर तो आईये जानते हैं आकार के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण (classification of computer based on Size)
माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) वह कंप्यूटर होते हैं जिन्हें आराम से डेस्क पर रखा जा सकता है, छोटे कंप्यूटरों का विकास 1970 में माइक्रो प्रोसेसर के अविष्कार के साथ हुआ, माइक्रो प्रोसेसर आने से सस्ते और आकार में छोटे कंप्यूटर बनाना संंभव हुआ, इन कंप्यूटर्स को पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer ) भी कहते है, माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में डेस्कटॉप कम्प्यूटर , लैपटॉप, पामटॉप, टैबलेट पीसी और वर्कस्टेशन आते हैं
मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) आकार और क्ष्ामता में माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) से बडे होते हैं, सबसे पहला मिनी कंप्यूटर 1965 में तैयार किया था, इसका आकार किसी रेफ्रिजरेटर के बराबर था, जहां एक ओर पर्सनल कंप्यूटर यानि माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में एक C.P.U. होता है वहीं मिनी कंप्यूटर्स में एक से अधिक C.P.U. होते है और मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) पर एक साथ एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते है, इनका उपयोग प्रायः छोटी या मध्यम आकार की कम्पनियाँ करती हैं
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) आकार में बहुत बडें होते हैं, बडी कंपनियों में केन्द्रीय कम्प्यूटर के रूप में मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) का प्रयोग होता है, एक नेटवर्क में कई कंप्यूटरो के साथ आपस में जोड़ा जा सकता है इसमें सेकड़ो यूज़र्स एक साथ कार्य कर सकते है, मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) में नोड डॉट जेएस (Node.js) एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म का प्रयोग किया जाता है
सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
सुपर कंप्यूटर (Super Computer) अन्य सभी श्रेणियों माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer), मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) और मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) की तुलना में अत्यधिक बड़े, अधिक संग्रह क्षमता वाले और सबसे अधिक गति वाले होते हैं, इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है, सुपर कंप्यूटर्स का प्रयोग बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओ में शोध कार्यो में होता है, 1998 में भारत में सी-डेक द्वारा एक सुपर कंप्यूटर और बनाया गया जिसका नाम था “परम-10000”, इसकी गणना क्ष्ामता 1 खरब गणना प्रति सेकण्ड थी अाज भारत का विश्व में सुपर कंप्यूटर के क्षेञ में नाम है|
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