भारत का राष्ट्रीय ध्वज (India’s National Flag) तिरंगा (Tiranga) जिसके हाथ में लेकर हम शान से भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, चाहे वह देश की सीमा हो या खेल का मैदान, आईये जानते हैं भारत का राष्ट्रीय ध्वज – तिरंगा झंडा महत्त्व और इतिहास (Tiranga Ka Mahatva Aur Itihas)
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा कहा जाता है तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है भारत के झंडे की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात 2:3 है इस ध्वज में सफेद रंग में नीले रंग का एक चक्र बना हुआ है|
इस चक्र में 24 तीलियांं हैं, यह चक्र सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ (Sarnath) में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले चक्र की तरह है
राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास – History of the Indian National Flag
तिरंगे को आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के मछलीपट्टनम के निकट भाटलापेन्नुमारु नामक क्षेत्र में रहने वाले देशभक्त पिंगली वेंकैया (Pingali Venkaiah) ने सन् 1931 डिजायन किया था|
तिरंगा का यह डिजायन अखिल भारतीय कांग्रेस के लिये तैयार किया गया था, लेकिन आजादी के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई, जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस के ध्वज को ही भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में घोषित करने की सिफ़ारिश की और 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया और 16 अगस्त 1947 को पहली बार लाल किले पर नेहरू जी द्वारा तिरंगा फहराया गया
तिरंगे को फहराने के नियम – Rules for the National Flag Hoisting
- कोई भी दूसरा झंडा तिरंगे से ऊपर या बराबर नहींं लगाया जा सकता
- तिरंगा (Tiranga) कभी भी झुका हुआ नहीं लगाया जा सकता केवल किसी राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है
- झंडे को फहराते समय यह ध्यान रखा जाये कि जहॉ झंडा फहराया जाऐ वहॉ से वह स्पष्ट दिखाई देना चाहिए
- जब तिरंगे काेे किसी अधिकारी की गाडी पर लगाया जाए तो वह या ताेे बीचों-बीच या फिर कार के दांई ओर लगाया जाए
- किसी भी जगह और किसी भी स्थति में तंरगा फटा हुआ और गन्दा नहीं होना चहिए
- अगर झंडा गन्दा या फट गया है तो उसेे किसी एकान्त स्थान पर सम्मान पूर्वक नष्ट किया जाना चाहिए
- तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या खादी का बना होना चाहिए प्लास्टिक का झंडा बनाने की अनुमति नहीं है
- तिरंगा हमेशा आयताकार होना चाहिए और इसका अनुपान 3:2 होना चाहिए
रोचक तथ्य – Interesting Facts
- जहॉ एक साथ तीन तिरंगे फहराये जातेे हैंं – भारत का संसद
- राष्ट्रीय ध्वज अंतरिक्ष में कब और किसके द्वारा – विंग कमांडर राकेश शर्मा, 1984 में
- उत्तरी ध्रुव पर कब और किसके द्वारा – स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर – 21 अप्रैल 1996
- माउंट एवरेस्ट की चोटी पर कब और किसके द्वारा – शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी – 29 मई 1953
- सबसे बडा मानव तिरंगा कब और और किसके द्वारा – 5000 स्वयंसेवकों द्वारा, चेन्नई, 2014 में
- देश का सबसे ऊॅचा और सबसे बडा तिरंगा – रांची के पहाड़ी मंदिर पर, 66 फुट उंचा 99 फुट चौड़ा, जमीन से ऊचाई – 493 फीट
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